भक्तिमान पांडेय
बाराबंकी। मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के तेजतर्रार जिला सचिव लवकुश यादव ने कहा की जबरन वाहवाही लूटने वाली भाजपा सरकार को केन्द्र सरकार और इलाहाबाद हाईकोर्ट दोनों से फटकार मिल रही है। जो सतर्कता दिखानी थी, राज्य सरकार ने उसमें लापरवाही की।
नीति आयोग में स्वास्थ्य मामलों के सदस्य डॉ0 बी.के. पाल ने तो साफ-साफ कहा है कि देश में संक्रमण के हालात बदतर होते जा रहे हैं और हमारे पास इससे जंग के लिए अब भी वही हथियार हैं- कोरोना प्रोटोकाल का पालन, दो गज की दूरी और मास्क जरूरी, ज्यादा से ज्यादा जांच और स्वास्थ्य सेवाओं का चुस्तदुरूस्त करना, टीकाकरण पर जोर, बार-बार हाथ धोना और साफसफाई रखना।
कैसी विडम्बना है कि भाजपा कोरोना प्रोटोकाल का पालन अपने कार्यक्रमों में करने के बजाय खुले आम उनकी अवहेलना कर रही है। यही क्यों उत्तर प्रदेश के बाहर पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल में भी प्रधानमंत्री जी, गृहमंत्री जी, भाजपा अध्यक्ष सहित अन्य भाजपाई अपनी रैलियां और रोड-शो कर रहे है। क्या वहां कोरोना संक्रमण का खतरा नहीं रह गया है।
वैसे भी जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव है वहां भाजपा नेतृत्व समाज में तनाव पैदा करने के लिए घूम रहा है। भाजपा की राजनीति का एजेण्डा सामाजिक विध्वंस और बंटवारा पर आधारित है। बदले की भावना से विपक्ष पर फर्जी केस लादने के साथ नफरत फैलाकर ही वह समाज को बांटने का काम करती है।
भारतीय संविधान की उद्देशिका के प्रतिकूल भाजपा अपनी एकाधिकारी मानसिकता से राजनीति में वैचारिक प्रदूषण फैला रही है। जनता अब स्वतः इस पर नियंत्रण करने के लिए तत्पर है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को 2022 में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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